Loving names of Prophet Muhammad Sallallahu Alaihi Wa Sallam-
1. in Quran – Muhammad and Ahmed
2. in Zaboor – Aaqib
3. in Toraat – Maaz
4. in Bible – Farqeelat
5. in Heaven – Abdul Kareem
6. in Sky – Mujtaba
7. in Earth – Moazzam
8. Ambiya called him as – Abdul Wahab
9. Malaika called him as – Abdul Hameed
10. ALLAH AJJ-WA-JAL called him as – Yaseen
- Sallallahu alaihi wa sallam
10 names of ASHRA-E-MUBASSHIRA COMPANIONS OF RASOOLULLAH SALLALLAHU ALAIHI WA SALLAM
1. Hazrat Abu Baqr Siddique Radiallahu Anhu
2. Hazrat Umar Bin Khattab Radiallahu Anhu
3. Hazrat Usmane Gani Radiallahu Anhu
4. Hazrat Ali Radiallahu Anhu
5. Hazrat Talha Radiallahu Anhu
6. Hazrat Zubair Radiallahu Anhu
7. Hazrat Abdul Rahman Bin Aauf Radiallahu Anhu
8. Hazrat Saad Bin Abi Waqqas Radiallahu Anhu
9. Hazrat Saed Bin Zaid Radiallahu Anhu
10. Hazrat Abu Ubaida Bin Jarrah Radiallhu Anhu
कुरानी
सूरतों की खुसूसियात -
सुरह
फातिहा – अल्लाह के अजाब से बचाती हैं
सुरह
यासीन – क़यामत के दिन प्यास से बचाती हैं
सुरह
वाकिया – फिकरो फाँखे से बचाती हैं
सुरह
मुल्क – अज़ाबे कब्र से बचाती हैं
सुरह
कौसर – दुश्मनों की दुश्मनी से बचाती हैं
सुरह
काफिरून – मौत के वक्त कुफ्र से बचाती हैं
सुरह
इखलास – मुनाफकत से बचाती हैं
सुरह
फलक – हादसों से बचाती हैं
सुरह
नास – वस्वसों से बचाती हैं
सबसे
पहली कौनसी नमाज़ किसने पढ़ी –
फज्र
– आदम अलैहिस्सलाम
जोहर
– इब्राहीम अलैहिस्सलाम
असर
– याकूब अलैहिस्सलाम
मगरिब
– दाउद अलैहिस्सलाम
Islamic calendar or Hijri calendar is based on the lunar year –
1. Muharram
2. Safar
3. Rabi ul Awwal
4. Rabi At Thani
5. Jumadi Al Awwal
6. Jumadi At Thani
7. Rajab
8. Shaban
9. Ramzan
10. Shawwal
11. Dhul Al Qaidah
12. Dhu Al Hijjah
Jannat is having 8 doors –
1. jannat ul mawa
2. daar ul maqam
3. daar ul salam
4. daar ul khuld
5. jannat ul adan
6. jannat ul naeem
7. jannat ul qasif
8. jannat ul firdaus
मौत
के बाद इन्सान पांच हिस्सों में तकसीम हो जायेगा
१.
रूह – मलकुल मौत ले जायेगा
२.
माल – वारिस ले जायेंगे
३.
गोश्त – कीड़े मकोड़े खा जायेंगे
४.
हड्डियाँ – मिटटी खा जाएँगी
५.
नेकियाँ – कर्जदार ले जायेंगे
लेकिन कोशिश करना इमान शैतान न ले जाये !
दुआओं के कुबूलियत के औकात –
१.
गरज नमाज़ के बाद
२.
अज़ान और अकामत के दरमियान
३.
तहज्जुद के वक़्त
४. बारिश
बरसते वक़्त
५.
दौरान-ए-सफ़र
६.
इफ्तार के वक़्त
७.
जुमे के दिन एक घडी
८.
शबे कद्र में
९.
जम जम पीते वक़्त
१०.
अरफा के दिन मैदाने अरफात में
११.
कुरान की तिलावत के बाद
Significance of the prayers –
FAZR – Increases the complexion or noor
ZOHAR – Improves income
ASAR – Improves health
MAGHRIB – Good future for your children
ESHA – Peaceful sleep
सात आसमानों के नाम और कलर –
१. राफी – पानी जैसा
२. कैदूम – तांबे जैसा
३. मदून – पितल जैसा
४. अर्फलून – चांदी जैसा
५. हयुन – सोने जैसा
६. अरूस – याकूत सब्ज़
७. अजमा – सफ़ेद मोती
इरशादे नबवी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) –
पांच रातों में मांगी दुआ रद नहीं होती
१. २७ रजब
२. १५ शाबान
३. ईद-उल-फ़ित्र
४. ईद-उल-अजहा
५. जुमें की रात
खानएं
काबा की ४ कोनों के नाम –
१.
रुक्न-ए-यमानी
२.
रुक्न-ए-इराकी
३.
रुक्न-ए-शामी
४.
रुक्न-ए-हजरे अस्वद
हाफज़ा
बढ़ाना –
१.
मिस्वाक करना २. रोज़ा रखना ३. कलामुल्ला पढना
याददाश्त
बढ़ाना –
१. मिस्वाक करना २. खुशबू सूंघना ३. तिलावत करना
कुरान
मजीद में हजरत जिबरइल अलैहिस्सलाम का लक़ब रूह-उल-अमीन हैं
जुमा
की सुन्नतें-
मिस्वाक
करना
नाख़ून
कांटना
गुस्ल
करना
खुशबू
लगाना
दरूद
शरीफ पढना
सुरह
अल कहफ पढना
सुरमा
लगाना
अच्छा
लिबास पहनना
4 FIQH IMAMS NAME (4 SETS OF FAITH) –
1. Imam Abu Hanifa Rahematullahi Alaihi
2. Imam Malik Ibn Anas Rahematullahi Alaihi
3. Imam Muhammad Idris As Sha’afi Rahematullahi Alaihi
4. Imam Ahmed Ibn Hambal Shaibani Rahematullahi Alaihi
रिज्क के दरवाजे की १६ कुंजियाँ –
१.
नमाज़ पर जमे रहना और इस पर सब्र करना
२.
कसरते इस्तगफार
३.अल्लाह
के रास्ते में नेक कामों में खर्च करना
४.
दीन की खातिर हिजरत करना
५.
तकवा इख़्तियार करना
६.
कसरते इबादत
७.
कसरते हज व उमराह
८.
सिला रहमी
९.
कमजोरों से हुस्नो सुलूक
१०.
अल्लाह पर तवक्कुल
११.
अल्लाह की नेअमतों पर शुक्र करना
१२.
घर इन्सान जाएँ तो अपने अहले खाना को सलाम करे
१३.
वालदैन की फरमाबरदारी करना
१४.
दवामे ताहरत (बावुजू रहना)
१५.
चाश्त की नमाज़ पढना
१६.
हर रात में सुरह वाकिया पढना
अल्लाह
की कुदरत –
हज़रत
नूह (अ.स.) – दुनिया को ख़तम करके सिर्फ अल्लाह को मानने वालों को बचाया
हज़रत
इब्राहीम (अ.स.) – ४० दिन आग में रख कर हिफाज़त की
हजरत
इस्माइल (अ.स.) – ज़ुबह होने से बचाया और आबे जम जम का तोहफा दिया
हजरत
युनुस (अ.स.) – ४० दिन मछली के पेट में रख कर हिफाज़त की
हजरत
ज़करिया (अ.स.) – बुढ़ापे में बेटा होने की खुशखबरी सुनाई
हजरत
दाउद ( अ.स.) – लोहे को मोम की तरह नरम कर दिया
हजरत
सुलेमान (अ.स.) – तमाम इन्सान , जिन्न, चरिंदे, परिंदे, हवा, पानी पर बादशाहत दी
हज़रत
सालेह (अ.स.) – पहाड़ में से ऊँटनी निकाली और उसने बच्चा जना
हजरत
उजैर (अ.स.) – १०० साल तक सुलाया और खाना गरम रखा
हजरत
युसूफ (अ.स.) – गुलामी की जिंदगी में जेल भेजा, और उसी मुल्क का बादशाह बनाया,
ख्वाबों की ताबीर जैसी दौलत अता की
अम्बियाएँ कराम की उमरें –
हजरत
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम – ६३ साल
हजरत
ज़करिया अ.स. – २०७ साल
हज़रत
मुसा अ.स. – १२५ साल
हजरत
याकूब अ.स. – २०९ साल
हजरत
इस्माइल अ.स. – १३७ साल
हजरत
इब्राहीम अ.स. – १९५ साल
हजरत
दाउद अ.स. – ११५ साल
हजरत
हूद अ.स. – २६५ साल
हजरत
सालेह अ.स. – ८५६ साल
हजरत
इदरीस अ.स. – ३३६ साल
हजरत
नूह अ.स. – ९५० साल
हजरत
शुऐब अ.स. – ८८२ साल
हजरत
आदम अ.स. – १००० साल
दस मुहर्रम में पेश आने वाले अहम वाकियात –
-
हजरत आदम (अ.स.) की तौबा की मकबूलियत
-
फिरौन से हजरत मूसा (अ.स.) और उनकी उम्मत की निजात
-
कश्ती नूह (अ.स.) इसी दिन जूदी पहाड़ पर ठहरी
-
हजरत युनुस (अ.स.) इसी दिन मछली के पेट से बाहर आये
-
हजरत युसूफ (अ.स.) का कुए से निकलना
-
हजरत इसा (अ.स.) की विलादत और आसमानों की तरफ उठाया जाना इसी दिन में
हुआ
-
हजरत दाउद (अ.स.) की तौबा
-
हजरत इब्राहीम (अ.स.) की विलादत
-
हजरत याकूब (अ.स.) की बिनाइ का लौटना
-
हजरत आदम (अ.स.) का नबुव्वत के लिए मुन्तखब होना
-
हजरत इदरीस (अ.स.) का आसमानों की तरफ उठाया जाना
-
हक तआला का हजरत इब्राहीम (अ.स.) को खलील बनाना
-
हुज़ूरे अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का हजरते खदीजा रदिअल्लाहु
अन्हा से निकाह भी इसी दिन हुआ
-
इसी दिन क़यामत कायम होगी
-
इसी दिन सय्यदना हजरत इमाम हुसैन रदिअल्लाहू अन्हु की शहादत का वाकेआ
पेश आना
आयतुल कुर्सी की फ़ज़ीलत –
१.
जब घर से निकलते वक़्त पढोगे तो सत्तर हज़ार फरिश्तें हर तरफ से आपकी हिफाज़त करेंगे
२.
जब घर दाखिल होते वक़्त पढोगे तो आप के घर से मोहताजी दूर हो जाएगी
३.
जब वुजू के बाद पढोगे तो सत्तर दर्जे बुलंद होंगे
४.
अगर रात को सोते वक़्त पढोगे तो एक फ़रिश्ता सारी रात आपकी हिफाज़त करेगा
५.
और अगर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद पढोगे तो आपका एक पाँव ज़मीन पर और दूसरा जन्नत में होगा
इस्लाम
की तारीख में सबसे बड़ा ज़नाज़ा इमाम अहमद बिन हम्बल रह्मतुल्लाही अलैहि का हुआ था
जिसमे १३ लाख मुसलमानों ने शिरकत की थी और २० हज़ार गैर मुस्लिम ज़नाज़ा देख कर
मुसलमान हुए
सहीह
बुखारी शरीफ के मोअल्लफ़ का नाम अब्दुल्लाह – बिन – इस्माइल बुखारी रहमतुल्लाही
अलैहि हैं, आपकी पैदाइश १९४ हिजरी में हुई और वफात २५६ हिजरी में हुई
क़यामत
की निशानियाँ-
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इल्म उठा लिया जायेगा, जहालत का दौर दौरा होगा, जहालत कुफ्र होगा
-
ज़ीना कसरत से होगा
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शराब नोशी कसरत से हो जाएगी
-
औरतों की तादाद मर्दों की निस्बत बढ़ जाएगी
-
अमानत जाए हो जाएँगी
-
हुकुमत ना अहलो के सुपुर्द होगी
-
माल आम हो जायेगा और ज़कात कुबूल करनेवाला कोई न होगा
-
जब लौंडी अपने मालकों को जानेगी
-
चरवाहें बड़ी बड़ी इमारतें बनाएँगे
-
बेटियों से माँ ए डरेंगी
-
बच्चे वालदैन की नाफरमानी करेंगे ( औलाद सरकश हो जाएँगी)
-
दौलत की रेलपेल होगी
अल्लाह तआला ने ९ चीज़ों में शिफा रखी हैं –
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कुरान
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सदका
-
सिला रहमी
-
सुरह फातिहा
-
सफ़र
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शहद
-
कलौंजी
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आब-ए-ज़मज़म
-
जैतून
दरुदे
पाक के फवाइद –
-
दरुदे पाक पढने वाले को ना कबर में मिटटी खाएगी ना कीड़ें
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दरूद पाक जन्नत का रास्ता हैं
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दरूद पाक की बरकत से माल बढ़ता हैं
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दरूद पाक तंगदस्ती को दूर करता हैं
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दरूद पाक पढनेवाले की दुआएं कुबूल होती हैं
सुबह
उठ कर रोजाना ‘सुरह यासीन’ पढ़े
सारा
दिन फरिश्तें आप की खुद हिफाज़त करेंगे, और आप का हर काम आसान हो जायेगा
Night Tips –
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वुजू कर के सोना
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बिस्तर झाड़ना
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दाहिनी करवट पर सोना
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तअज्जुद और फज्र की निय्यत करके सोना
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एक गिलास पानी पी के सोना
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पहला कलमा
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आयतुल कुर्सी
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१० बार दरूद शरीफ
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४ बार सुरह फातिहा
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३ बार सुरह इखलास
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४ बार तीसरा कलमा
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१० बार अस्तगफार
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सब को माफ़ करके सोना
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सोने की दुआ पढ़ कर सोना
हज्जाज बिन युसूफ ने अपने दौर के मशहूर तबिब शबिब बिन ज़ैद से फरमाइश की के मुझे तिब्ब की कुछ अच्छी बातें बताये !
तबीब
ने कहा –
-
गोश्त सिर्फ जवान जानवर का खाओ
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जब दोपहर का खाना खाओ तो थोड़ी देर सो जाओ और शाम का खाना खाकर चलो
चाहे तुम्हे काँटों पर चलना पढ़े
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जब तक पेट की पहली गिज़ा हज़म न कार्लो दूसरा खाना न खाओ चाहें तुम्हे
३ दीन लग जाये
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जब तक बैतुलखला न जाओ, सोने के लिए बिस्तर पर न जाओ
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फलों के मौसम में फल खाओ, मौसम जाने लगे तो फल खाना छोड़ दो
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खाना खाकर पानी पीने से बेहतर ज़हर पी लो, वरना खाना ही न खाओ
सुन्नते हज़रते इब्राहीम अलैहिस्सलाम
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खतना
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सलवार/पायजामा/इज़ार का पहनना
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क़ुरबानी
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पानी के साथ इस्तंजाह
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उस्तरे के साथ जेरे नाफ के बाल साफ करना
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कुल्ली करना / नाक साफ करना
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नाख़ून काटना
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बगलों के बाल साफ करना
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